
रांची: रविवार की रात देशभर के साथ रांची में भी आस्था और विज्ञान का अद्भुत संगम देखने को मिला, जब लोगों ने आकाश में दुर्लभ खगोलीय घटना ‘ब्लड मून’ का दीदार किया। भारतीय समयानुसार रात 9 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर यह पूर्ण चंद्रग्रहण तड़के 1 बजकर 26 मिनट पर समाप्त हुआ। लगभग 82 मिनट तक चले इस आयोजन को इस दशक का सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण माना जा रहा है। ग्रहण के दौरान चंद्रमा गहरे लाल रंग की आभा में चमकता रहा। रांची में आसमान साफ़ रहने से लोगों को यह नज़ारा और भी आकर्षक लगा। कांके, रातू और नामकुम इलाकों में लोग छतों पर जमा होकर परिवार और दोस्तों के साथ देर रात तक चांद को निहारते रहे। कई युवाओं ने दूरबीन और मोबाइल कैमरे से तस्वीरें और वीडियो बनाए, जिन्हें सोशल मीडिया पर खूब साझा किया गया। स्थानीय निवासी सीमा कुमारी ने कहा, “पहली बार इतने करीब से चांद को लालिमा में बदलते देखा। यह नज़ारा वाकई अविश्वसनीय था।” वहीं गोस्सनर क्लब के छात्र अमन कुमार ने बताया कि वे अपने साथियों के साथ विज्ञान क्लब द्वारा लगाए गए दूरबीन से ग्रहण देख रहे थे। उन्होंने कहा, “किताबों में पढ़ा था, लेकिन अपनी आंखों से देखना अलग ही अनुभव रहा।” वैज्ञानिकों के अनुसार, पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान पृथ्वी की छाया से गुजरते हुए चंद्रमा लालिमा से ढक जाता है, जिसे ‘ब्लड मून’ कहा जाता है। इतनी देर तक चलने वाला पूर्ण चंद्रग्रहण विरले ही होता है। यह न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत उदाहरण है, बल्कि हमें अंतरिक्ष में पृथ्वी की विशिष्ट स्थिति का भी बोध कराता है। रांची सहित पूरे झारखंड में इस नज़ारे ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कहीं परिवारों ने इसे धार्मिक अनुष्ठानों से जोड़ा तो कहीं विज्ञानप्रेमियों ने इसे अंतरिक्ष का अविस्मरणीय अनुभव कहा।