
रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि राज्य में तब तक जनगणना नहीं होने दी जाएगी, जब तक जनगणना प्रपत्र में आदिवासियों के लिए अलग सरना धर्म कोड शामिल नहीं किया जाता। पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बुधवार को दोहराया कि यह झामुमो का पुराना और स्पष्ट स्टैंड है। उन्होंने कहा कि इस समय यह भी संदेह है कि केंद्र सरकार जल्द जनगणना कराएगी या नहीं, क्योंकि उसका ध्यान एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) कराने पर ज्यादा है। भट्टाचार्य ने भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार ने जल्द जनगणना कराने का वादा किया था। महिलाओं को 33% आरक्षण देने की बात भी कही गई थी, लेकिन अब लगता है कि सरकार के एजेंडे से जनगणना पिछड़ गई है और मतदाता सूची में गहन पुनरीक्षण का मुद्दा आगे कर दिया गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसे में नारी शक्ति वंदन का वादा कैसे पूरा होगा? झामुमो नेता ने कहा कि जनगणना प्रपत्र में धर्म वाले कॉलम में आदिवासियों के लिए अलग सरना धर्म का कॉलम होना जरूरी है, ताकि उनकी वास्तविक पहचान दर्ज हो सके और उनके बारे में सटीक जानकारी एकत्र की जा सके।