रांची/बोकारो : मुख्य सचिव अलका तिवारी ने बोकारो स्टील प्लांट के समग्र विकास और स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने को लेकर सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की । बैठक में मुख्य सचिव अलका तिवारी ने स्पष्ट कहा कि सेल को पारदर्शी संवाद और समन्वय के जरिए स्थानीय मुद्दों का समाधान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्टील नीति के तहत बोकारो में कई विकासात्मक कार्य हो रहे हैं, लेकिन यह जरूरी है कि स्थानीय निवासियों को यह महसूस न हो कि वे पीछे छूट गए हैं। मुख्य सचिव ने सोमवार को सेल चेयरमैन अमरेंद्र प्रकाश, विभिन्न विभागों के सचिवों और बोकारो जिला प्रशासन के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में कहा कि सेल जिन युवाओं को प्रशिक्षित करता है, उन्हें उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराए। साथ ही स्थानीय समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर समन्वय बनाकर हो। बैठक में विस्थापित परिवारों और पुनर्वास से वंचित गांवों के मुद्दे पर भी गंभीरता से चर्चा हुई। बोकारो के 20 गांवों के पुनर्गठन की बात सामने आई, जिसमें चास ब्लॉक के 9 पंचायतों के पुनर्गठन का प्रस्ताव दिया गया है। उपायुक्त अजय नाथ झा ने बताया कि यह प्रस्ताव जिला पंचायती राज विभाग द्वारा दिया गया है, लेकिन सेल की सहमति नहीं मिल रही। इस पर मुख्य सचिव ने बोकारो प्रशासन को निर्देश दिया कि सरकारी ज़मीन पर मकान बनाकर प्रभावितों को बसाया जाए। बैठक में सेल द्वारा 756.94 एकड़ अप्रयुक्त वन भूमि को वन विभाग को लौटाने पर भी चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने सीमांकन कर नक्शा तैयार करने और पिलरिंग का खर्च सेल द्वारा वहन करने का निर्देश दिया। सेल की मौजूदगी वाले 13 शहरों में से 3 टॉप टेन में हैं, ऐसे में बोकारो स्टील सिटी को भी उसमें लाने का प्रयास किया जाएगा। उपायुक्त ने इसे “टॉप वन सिटी” बनाने का खाका प्रस्तुत किया, जिसमें चेयरमैन ने सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि बोकारो में 1932 एकड़ पर अतिक्रमण बड़ी चुनौती है, लेकिन 20 हजार करोड़ की लागत से विस्तारीकरण की योजना से आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी।