
नई दिल्ली: भारत के लिए गर्व का क्षण है, जब ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा पूरी कर आज मंगलवार को दोपहर 3:01 बजे (भारतीय समयानुसार) प्रशांत महासागर में सफलतापूर्वक उतरेंगे। इसी के साथ एक्सिओम स्पेस के एक्स-4 मिशन का ऐतिहासिक अध्याय संपन्न होगा।
शुक्ला, अमेरिका की अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोज़ उज़्नानस्की-विस्नीवस्की और हंगरी के टिबोर कापू के साथ स्पेसएक्स के ड्रैगन यान ‘ग्रेस’ से लौट रहे हैं। सोमवार शाम 3:30 बजे उन्होंने अंतरिक्ष स्टेशन से विदाई ली।
NASA ने बताया कि सुबह 7:15 बजे (EDT) ड्रैगन यान ने ISS के हार्मनी मॉड्यूल से अनडॉक किया, और इससे पहले 5:07 बजे हैच को बंद कर दिया गया था। स्पेसएक्स ने इसकी पुष्टि करते हुए अपने आधिकारिक X (ट्विटर) अकाउंट पर घोषणा की: “ड्रैगन अंतरिक्ष स्टेशन से अनडॉक होने के लिए तैयार है।”
इस ऐतिहासिक मिशन के दौरान, शुक्ला ने 18 दिनों तक माइक्रोग्रैविटी में वैज्ञानिक अनुसंधान और सहयोगी कार्यों में हिस्सा लिया। हालांकि उनका मिशन मूल रूप से 14 दिन का था, लेकिन इसे बढ़ाकर 18 दिन कर दिया गया ताकि वे और अधिक वैज्ञानिक प्रयोग कर सकें।
स्पलैशडाउन के बाद, चारों अंतरिक्ष यात्री रिकवरी टीमों की मदद से बाहर लाए जाएंगे। इसके पश्चात शुक्ला 7-दिन के पुनर्वास कार्यक्रम से गुजरेंगे ताकि पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में पुनः ढल सकें।
शुक्ला, राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री बन गए हैं। उन्होंने कक्षा से भेजे गए भावुक संदेश में इसे “एक अविश्वसनीय यात्रा” बताया और इसरो, नासा, स्पेसएक्स और एक्सिओम स्पेस के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया।
आईएसएस के कपोला मॉड्यूल से पृथ्वी की ओर देखते हुए उन्होंने भावुक होकर कहा –
“भारत अब भी पूरी दुनिया से बेहतर दिखता है।”
यह मिशन न केवल भारत के लिए एक तकनीकी और वैज्ञानिक उपलब्धि है, बल्कि युवाओं के लिए भी प्रेरणा बन गया है।