आस्था डेस्क : पंडित कौशलेंद्र पाण्डेय सावन का महीना शुरू हो चुका है अगस्त महीने के 22 तारीख तक सावन मनाया जाएगा। दोस्तों, सावन के साथ अब शुरू हो जाएगी, भगवान शिव की आराधना। क्योंकि सावन का महीना महादेव का माना जाता है। सावन के हर सोमवार को उनकी पूजा-अर्जना होती है। लड़कियां अच्छे वर की प्राप्ति के लिए सोमवार के व्रत भी रखती हैं। वैसे तो देवों के देव महादेव उनको याद कर लेने से ही खुश हो जाते हैं, लेकिन सावन में उन्हें भांग, दूध, धतूरा और बेलपत्र अर्पित कर पूजा को पूर्ण किया जाता है। दोस्तों, आज कल लोगों का ध्यान सिर्फ हिल स्टेशनों की ओर ही होता हैं ऐसा देखा जाता हैं। लेकिन भारत में घूमने के लिए ऐसे कई पौराणिक स्थल भी हैं जिनके दर्शन मात्र से ही आपकी यात्रा का आनंद दुगुना हो सकता हैं। वैसे तो भारत में काफी पौराणिक स्थल मौजूद हैं लेकिन जैसा कि आप सभी को मेरे आर्टिकल का टाईटल पढ़ के समझ आ ही गया होगा की आज मैं किन पौराणिक और पवित्र स्थलों की बात कर रही हूं। जैसा कि आप सभी को पता ही होगा की सावन की शुरुआत होने ही वाली हैं। इसलिए आज मैं आपको भारत के प्राचीन शिव मंदिरों के बारे में बताने जा रही हूं जिनके दर्शन के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं वैसे तो इन मंदिरों में पूरे साल भीड़ देखी जाती है लेकिन सावन में इन मंदिरों की यात्रा को और भी शुभ माना जाता हैं। तो आइए जानते हैं वो पवित्र स्थल कौन से और कहाँ स्थित हैं। महिमा बैद्यनाथ धाम झारखंड के देवघर में स्थित बैद्यनाथ धाम (बाबाधाम) बहुत महत्त्वपूर्ण है और यहाँ के कामना लिंग को सर्वाधिक महिमामंडित कहा जाता है। भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और हिंदू धर्म में इसका अत्यंत महत्त्व है। इसे ‘कामना लिंग’ भी कहा जाता है — यानी यहां की गई प्रार्थनाएं और इच्छाएं विशेष रूप से पूर्ण होती हैं। बैद्यनाथ धाम में विशेष पूजन, रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय जाप आदि से ग्रह दोष, कालसर्प योग आदि से मुक्ति मिलती है । मान्यता है कि यहां दर्शन करने से पुनर्जन्म से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि श्रावण में एक बार जल अर्पण करने से 100 बार गंगा स्नान और यज्ञ करने जितना फल प्राप्त होता है। इसके शिखर पर त्रिशूल के बजाय ‘पंचशूल’ होता है जिसे सुरक्षा कवच माना जाता है और यही बात इस मंदिर को खास बनाती है। वैसे तो साल भर यहाँ भक्तों की भीड़ रहती है लेकिन सावन के दौरान पूरा मंदिर केसरिया पहने शिवभक्तों से रंग जाता है। यहाँ दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। सावन के महीने में यहाँ दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं सावन महीने में यहाँ पर्यटकों की काफी भीड़ देखी जाती हैं।