डेस्क : सावन का महीना हिन्दू धर्म में विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्‍व रखता है। यह महीना भगवान शिव की उपासना और सौभाग्य की कामनाओं के लिए समर्पित होता है। विशेष रूप से सुहागिन महिलाएं इस मास में व्रत, पूजन और श्रृंगार के माध्यम से अपने पति की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं। धार्मिक परंपराओं में से एक है हरी चूड़ियों का पहनना चाहिए । इसके पीछे का महत्व और सावन में हरी चूड़ियां के पहनने के क्या रहस्य है ।  तो इसके पीछे कई आध्यात्मिक, भावनात्मक और वैज्ञानिक लाभ भी छिपे होते हैं। सावन के सोमवार को शिवजी की पूजा होती है तो सावन के मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत करके सुहागिन महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए प्रार्थना करती हैं। सावन में मां पार्वती को सुहाग की वस्‍तुएं अर्पित करने के बाद महिलाएं स्‍वयं भी हरी चूड़ियां पहनती है। हरा रंग सौहार्द और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। जब महिलाएं हरे रंग की सुंदर चूड़ियां अपनी कलाई पर पहनती हैं तो न सिर्फ उनके दांपत्‍य जीवन में खुशहाली बढ़ती हैं बल्कि बच्‍चे और परिवार के लोग भी आपसी सौहार्द से भर जाते हैं। तो आइए आपको बताते हैं सावन में हरी चूड़ियां पहनने के फायदे। हिंदू परंपरा के अनुसार, हरी चूड़ियां पहनने से स्त्री को अपने पति के लिए सौभाग्य प्राप्त होता है। यह माना जाता है कि हरी चूड़ियां पति की दीर्घायु, स्वास्थ्य और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना से जुड़ी होती हैं। जब चारों ओर हरियाली छा जाती है। हरा रंग प्रकृति, नवजीवन और उर्वरता का प्रतीक है। जब सुहागिन महिलाएं हरी चूड़ियां पहनती हैं, तो यह इस बात का प्रतीक होता है कि वे अपने जीवन में भी नई ऊर्जा, प्रेम और समृद्धि चाहती हैं।